गंगोलीहाट पिथौरागढ़ जिले मैं बसा हुआ एक पर्वतीय स्थल है एवं यह मुख्यता मां काली के शक्तिपीठ हाट कालिका के लिए
जाना जाता है गंगोलीहाट मां मां काली के शक्तिपीठ के लिए तो जाना ही जाता है साथ ही अपने अनोखे एवं बेहतरीन दृश्यों
के लिए भी जाना जाता है!
जाना जाता है गंगोलीहाट मां मां काली के शक्तिपीठ के लिए तो जाना ही जाता है साथ ही अपने अनोखे एवं बेहतरीन दृश्यों
के लिए भी जाना जाता है!
गंगोलीहाट पुराने मंदिरों एवं जमीन के अंदर से निकलने वाले गुफाओं के लिए भी काफी प्रसिद्ध है हाट कालिका अंबिका देवाल चामुंडा मंदिर एवं वैष्णवी मंदिर के लिए भी गंगोलीहाट बहुत प्रसिद्ध है!
यहां पर वैष्णवी मंदिर से हिमालय का अनोखा रूप देखने को मिलता है यह मंदिर शैल पर्वत पर स्थित है जोकि हिंदू धर्म की धार्मिक ग्रंथों में भी इस का बयान मिलता है!
यहां पर पाताल भुवनेश्वर शैलेश्वर गुफा और मुक्तेश्वर गुफा भी स्थित है और एक और गुफा जो कि कुछ समय पहले ही मिली थी भुवनेश्वर गुफा भी स्थित है!
हाट कालिका मंदिर को शंकराचार्य जी ने बनाया था यह भी माना जाता है की मां कालिका का उद्गम स्थान पश्चिम बंगाल है परंतु वहां से शिफ्ट होने के बाद यह गंगोलीहाट में हुआ था! यह मंदिर पूरे भारतवर्ष में ही बहुत प्रचलित है!
गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से लगभग 76 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एवं यहां से 35 किलोमीटर की दूरी पर चौकोरी स्थित है!
यहां पर पहुंचने के लिए आपको पिथौरागढ़ से बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी और यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जिसकी दूरी लगभग 200 किलोमीटर है!
अगर आप मां काली के दर्शन हेतु यहां पर पधारना चाहते हैं तो वह सचमुच हीै काफी अच्छा समय बीतेगा आपका और आप मां काली के शक्तिपीठ के अनोखे दर्शन भी कर पाएंगे यहां पर आप अपने पूरे परिवार के साथ आकर घूम सकते हैं एवं जो जमीन के अंदर से होकर गुजरने वाली गुफाएं हैं उन्हें भी देख सकते हैं!
अगर आप गंगोलीहाट के बारे में हमसे कुछ और सलाह लेना चाहते हैं तो हमें लिखें धन्यवाद!
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